एनजीओ की प्रेरणा ने आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का
आज की महिलाएं किसी भी मायने में पुरूष से कम नहीं है। यह बात को सच साबित करते हुए महिलाएं लगातार विभिन्न क्षेत्रों में अपने सर्वश्रेष्टता साबित कर रही हैं। फाजिल्का में कई ऐसे एनजीओ पूरी सफलता से लोगों की सेवा कर रहे हैं, जिनका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। वहीं कई एनजीओ ऐसी भी हैं, जहां महिला प्रधान व पुरुष प्रधान दोनों शामिल हैं। वहां महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लोगों की सेवा करने में जुटे हुई हैं। जिसके चलते जरूरतमंद व असहाय लोगों को कई तरह का लाभ मिल रहा है। वैसे तो यह पुरानी बात है कि लोग बेटियों को बोझ समझते हैं। हालांकि अब के समय में लोगों के विचार बदलें हैं और भू्रण हत्या के मामलों में भी कमी आई है। लेकिन अभी भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं, तो बेटियों को बोझ ही समझते हैं। जिसके लिए ना केवल सरकार बेटी बचाओ अभियान चला रही हैं, वहीं कई सक्रिय महिलाएं विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों के लिए सहायक बनी हुई हैं। फाजिल्का में छह से अधिक ऐसी संस्थाएं हैं, जहां महिलाएं व युवतियां कई तरह के प्रोजेक्ट चलाकर लोगों की सेवा कर रही हैं व क्षेत्र का नाम रोशन कर रही हैं। बच्चों को हुनुरमंद बना रही सेवा भारती
फाजिल्का की एक सोसायटी सेवा भारती पिछले लंबे वर्षाें से बच्चों को शिक्षित करके अपने नाम को सही साबित कर रही है। सोसायटी का नाम सेवा से शुरू होता है और उनका मुख्य कार्य भी सेवा ही है। वैसे तो सोसायटी के कई प्रोजेक्ट हैं, लेकिन बाल संस्कार केंद्रों के जरिए बच्चों को शिक्षित करके सोसायटी क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। जिसमें अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों के अलावा सेवा भारती की महासचिव भी सक्रिय रहती हैं। भले ही बच्चों को प्रेरित करना हो या उन्हें विभिन्न मुकाबलों में भाग दिलवाकर उनके अंदर छीपे हुनर को बाहर निकालने के लिए प्रेरित करना हो, वह हमेशा से ही तत्पर रहती हैं। इसके अलावा वह विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के साथ जुड़कर सेवा के कार्यो के लिए हमेशा से तैयार रहती हैं। रमा भारती शर्मा का कहना है कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, बस जरूरत उन्हें ऊर्जा शक्ति भरने की है। इसलिए महिलाएं संस्थाओं के साथ जुड़कर सेवा प्रोजेक्ट में अधिक से अधिक भाग लें।